Avsnitt

  • - जावेद अख़्तर के साथ जादू की शुरुआत

    - किस पर हंसा जाए किस पर नहीं? चुटकुले और बदतमीज़ी का अंतर

    - इंडिया-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान जावेद अख़्तर ट्रोल क्यों हुए

    - इंसान बंदर से नहीं बना है?

    - जहन्नुम और पाकिस्तान के बीच की चॉइस

    - जन्म-मरण और पुनर्जन्म पर बतकही

    - जहांगीर बहाने कुर्सी का इतिहास

    - अभिव्यक्ति का संकट और संप्रेषण का अनुभव

    - गुड्डी गिलहरी जैसे बगैर नुक्ता गाने वाले लोग

    - अज़ीज़ मियां, नुसरत फतेह अली खान के क़िस्से

    - सेंस ऑफ ह्यूमर की ज़रुरत

    - शायरों के क़िस्से

    - खां चा के साथ आगे की बतकही

    - टीचर को बच्चे से शादी क्यों नहीं करनी चाहिए?

    - विवाह-संस्था और तलाक पर बतकही

    - नेताओं की सार्वजनिक छवि

    - इंश्योरेंस का स्कैम और बीमा भारती 'निगम'

    - बकरे के बीमा और गोट आयडिया

    - बाण मारने वाले लोग

    - चिट्ठियां

    - प्रड्यूसर : अतुल तिवारी

  • - असीम मुन्नी कब बदनाम होगी? और होइहें वहीं जो जिन्ना-रची-राखा?

    - INS शशि थरूर, घने बाल और अंग्रेजी का अंग्रेज़-रश्क!

    - माओवादी बसवराजू की मौत! अंतिम चरण में नक्सलवाद?

    - वालेकुम लाल अस्सलाम और प्रणाम

    - ग्राम चिकित्सालय और भरोसे वाले प्रैक्टिशनर

    - इंजेक्शन का एयर निकालने वाले डॉक्टर

    - सरदार की लव इन वॉर फेयर कविता

    - एजेंडा में तैयारी : नग गिनने की यात्रा और मयूर-जग

    - सफल होने की प्रतियोगिता और असफल का असली मूल

    - दुख और विवाहोपरांत जीवन की तैयारी

    -विदा के वक्त मां से झगड़ा और विदा की तैयारी

    - मानसिक vs शारीरिक तैयारी

    - तैयारी की तैयारी और तैयारी की आलोचना

    - बिज़ार : बिजली काटक पूर्व पत्नी

    - चिट्ठियां

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  • - भारत-पाक का एतिहासिक युद्ध और संघर्ष-विराम

    - अंतरराष्ट्रीय मीडिया में युद्ध की एकतरफ़ा रिपोर्टिंग

    - पाकिस्तानी मीडिया का प्रोपेगैंडा और ब्रह्मोस की ताक़त

    - ताऊ की बरेली-यात्रा में युद्ध-दर्शन

    - मलयाली बंधुओं की चर्चा के बहाने संघर्ष-विराम के सूत्र

    - कश्मीरियों का रिस्क और कवियों की काम-खराबी

    - क़तर, तुर्की और अमेरिका का नव-दोगलापन

    - दोपहर में स्त्रियां और उनके सामान की पुरानी गंध

    - सुबकती, सिलती और सुलगती एक विराम जैसी दोपहर

    - बहुओं की बेडौल दोपहर और स्त्री का अंतराल

    - बेरोजगार लड़कों की दोपहरें! चुप्पी, चाय और चिढ़चिढ़ा रोमांटिसिज़्म

    - छोटे बच्चों की दोपहर और दोपहर के खेल

    - बूढ़ों और अधेड़ों की दोपहर!

    - दोपहर क्यों काटी जाती है? दोपहर का षड्यंत्र क्या है?

    - नौकरी करने वालों को दोपहर का कुछ भी पता नहीं होता?

    - जेठ की दुपहरी का खेल और नारीकेलम,

    - बिज़ार : नाकखाऊ प्रेमी और The Nostril Nostalgia

    - अंत में चिट्ठियां

    प्रड्यूसर : अतुल तिवारी

    साउंड मिक्स : रोहन

  • - शांति के लोक में कबीलाई मानसिकता

    - प्रोपेगेंडा वॉर और झूठ पर झूठ

    - पाकिस्तान को जज्बाती-धचका

    - पाकिस्तानी नेताओं की औकात

    - संडास के पाइप जैसी चाईनीज़ मिसाइलें

    - पाकिस्तान के पास सुलझाने का विकल्प

    - भारत-पाकिस्तान में न्यूक्लियर वॉर हुआ तो क्या होगा?

    - कर्जखोर पाकिस्तान और उसका लक

    - लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद क्यों?

    - इस्लाम की रक्षा के बहाने तमाशा

    - मुनीर का पागलपन और 'कटुआ' शब्द

    - 1999 जंग की यादें और कैप्टन विक्रम मनोज पांडेय

    - मीम वॉर, क्लाईमैक्स की बेचैनी और प्रार्थना

    - चिट्ठियां

  • - सुसाइड-बॉम्बर-पाकिस्तान और विरोध की एक-स्वरता

    - भारत में पाकिस्तानी वोटर और आवाजाही का घालमेल

    - प्रत्यूष चौबे कम्स फ्रॉम रेनूकूट वाया दुद्धी

    - शादी के बाद हिरण क्यों उड़े रहते हैं?

    - दुद्धी-समाचार की रोचक हेडलाइन

    - खान चा की अंग्रेजी से इनफीरियॉरिटी कॉम्प्लेक्स

    - इनफीरियॉरिटी कॉम्प्लेक्स छूटता क्यों नहीं?

    - फ्लाइट में एयर होस्टेस के सामने का संकोच

    - गा गा बोलने वाला एक्सेंट और अंग्रेजी बोलने का हेल्पिंग वर्ब

    - छोटे शहर में लो-वेस्ट जींस पर कटाक्ष और इंग्लिश का अतिरेक

    - कूल बनने की उत्कंठा और Fantastic शब्द का उद्गम

    - पुराने-गीत-फिल्में और नए माहौल से तारतम्य!

    - 'तू इंप्रूव कर' कहने वाला मन

    - चंपक-नंदन की दुनिया

    - चिट्ठियां

    - प्रड्यूसर : अतुल

    - साउंड मिक्स : सूरज

  • - पुणे का हंड्रेड बार शुक्रिया

    - जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमला और पाकिस्तान की साजिश

    - हमला कायराना क्यों नहीं है? पागलपना क्यों?

    - पाकिस्तान का मकसद और भिखमंगी आदत

    - 'जिहादी' आदतें और पर्यटकों से धर्म की पूछताछ

    - जन्नत जाने की जल्दी और भ्रम की दुनिया

    - हॉर्न की आवाज बांसुरी और तबले जैसी होगी तो क्या होगा?

    - ट्रैफिक जाम पर बतकही और सेल्फ-प्रोक्लेम्ड दारोगा

    - चालान का चलन के क़िस्से और खां चा की बतकही

    - जाम में गाड़ी चलाने और बचाने का शगल

    - ट्रैफिक में बातों से एक्शन गरियाने की अतरंगी टेक्निक

    - दुर्घटना से देर भली का जीवन दर्शन और पीप-पीप डोंट स्लीप

    - ट्रक वालों की आलस और ट्रैफिक लाइट लाल-पीली बत्ती

    - खां चा और ताऊ की ट्रक ड्राइवर बनने की इच्छा

    - तशरीफ़ के एक फांक से जीप चलाने की कला

    - प्रिय तीन तालियों की चिट्ठियां

    प्रड्यूसर : अतुल तिवारी

    साउंड मिक्स : रोहन

  • - पुणे में तीन ताल की सौवीं चाल

    - खान चा के ताऊ से मासूम सवाल

    - एयरलाइंस के बवाली बिन्नेस और दुकानदारी का अभिनय

    - परदे ही परदे और थान वाले कपड़ों की बैंड पार्टी

    - दुकान में चोरी की मासूमियत

    - ट्रांसफार्मर के तेल से छनी पूड़ीयां

    - अदर स्टेट और अदर ऑप्शन उपलब्ध कराने वाले दुकानदार

    - नाई की दुकान पर पूरा बॉलीवुड और लहरिया लूट गाने

    - अतरंगी पान वाले और दुकानदारों का

    - चिकन का इंपोरियम और 22 डिग्री पर सेट गाड़ीवान

    - दुकानें बेचने वाले दुकानदार

    - ओ मेरी शिकन-ज़बीं और मोहब्बत की दुकानदारी

    - स्टेशन की अतरंगी दुकानें और पुणे के तीन ताल वारीयर्स

    - पीर बाबा के दम किए हुए पानी की दुकान

    - बलि का बकरा और खैर मनाती बकरे की अम्मा

    - 40 डिग्री की गर्मी में कंबल बांटने वाले बिहार के मंत्री

    - गुटखा थूकक चोर और ट्रॉली बैग में छिपी गर्लफ्रेंड

    - अंत में तीन तालियों के साथ बतकही

    - प्रड्यूसर : अतुल तिवारी

    - साउंड मिक्स : सूरज

  • तीन ताल सीजन 2 के 99वें एपिसोड में कमलेश ताऊ, कुलदीप सरदार और आसिफ़ खां चा के साथ सुनिए:

    तीन ताल का नर्वस नाइंटीज मोमेंट और 'पुणे सौ' का डबल डोज़

    दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता मनोज कुमार क्यों याद किए जाएंगे

    मनोज कुमार की पसंदीदा फ़िल्में कौन सी हैं, उनकी भारत कुमार वाली छवि और कुछ आलोचना

    दिलीप कुमार से मनोज कुमार और अक्षय कुमार तक...बॉलीवुड अभिनेताओं का कुमार सरनेम

    'पगलू' ट्रम्पवा ने ताऊ समेत पूरी दुनिया का नुकसान कैसे करवा दिया

    ट्रम्प को रेसिप्रोकल का मतलब नहीं पता, टैरिफ अच्छी चीज़ नहीं है और क्या ट्रंप-मस्क का झगड़ा होने वाला है

    उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी क्या पुश करते हैं

    बांग्ला में संयुक्त वर्ण वाले शब्दों का उच्चारण और TMC सांसदों के WhatsApp Chats लीक

    कल्याण बनर्जी का बचपना और महिला कलीग का अपमान

    बिहार के पॉलिटिकल व्हाट्सएप्प ग्रुप और नीतीश कुमार का 'सीन'

    12 हजार साल पहले विलुप्त भेड़िए Dire wolf पर विज्ञान का चमत्कार और इस पर ताऊ-खां चा की टेक

    जेनेटिक एडिटिंग के उपयोग और ये कितने काम की चीज़

    लद्दाख वाली लत्तर, सजाने वाली क़िताबें और किताबों का वर्चुअल बैकग्राउंड

    रंग-बिरंगे कागज़ की सजावट, पुस्तक कला और लेई बनाने की विधि

    टैम्पू, कार और साइकिल आदि को सजाने के तरीक़े

    कार पर फ़ोन के स्टिकर क्यों चिपकाते हैं ताऊ और खान चा

    2025 का डिफ़ॉल्ट एस्थेटिक्स और घर-मकान-दुकानों को सजाने का आर्ट

    दफ़्तर के डेस्क पर लगा मेला और मंदिर वाला फील देता ख़ान चा का डेस्क

    फैमिली फोटो का डिफेंस मेकैनिज्म के तौर पर इस्तेमाल और टेबल मैट का कल्चर

    टीवी-फ्रीज़ पर कवर क्यों नहीं चढ़ाने चाहिए

    चूने का इस्तेमाल, गांव की दीवारों की चित्रकला और कोहबर की कलाकारी

    झूमर और फॉल्स सीलिंग की शोशाबाज़ी

    गुप्ती का वार, सोफ़ा का रूलबुक और पेन की सर्विसिंग

    अंत वेला के इंटीरियर डिज़ाइनर और नवविवाहितों के बेडरूम

    बिज़ारोत्तेजक ख़बर में पंखे ठीक करने वाला इलेक्ट्रिक पिया

    और अंत में प्रिय तीन तालियों की चिट्ठियां

    प्रड्यूसर: कुमार केशव
    साउंड: रोहन भारती/अमन पाल

  • इस बार तीन ताल के अड्डे पर बजी हैं इश्क़ की झंकार और बजींदर की घंटी!
    ताऊ और खान चा के बीच के 'मासूम से प्रेम' पर मंडराते सवाल,
    बिल्लू पॉकेटमार की अनसुनी कहानियाँ,
    और "पास्टर बजींदर" को मिला जेल का स्पेशल निमंत्रण!

    कैसे ‘तीन ताल प्रतिरोध मंडली’ को मिला ताऊ का आशीर्वाद

    येशु-येशु कहने वाले पास्टर पर गिरी आफत

    इमरान खान और उनकी नोबेल यात्रा की जंजीरें

    मोहम्मद यूनुस को महान बनाने के पीछे की संस्थाएँ

    न्यूक्लियर पव्वे से उपजा विवाद

    क्विक डिलीवरी वालों की क्रूरता और भूकंप का कंपन

    और 'होल-सोल हार्वेस्टिंग' का गूढ़ रहस्य

    हाई राइज़ में हाई टेंशन से लेकर, इश्क में एक्स्ट्रा तंबाकू तक सब कुछ है इस एपिसोड में!

    और हां! अदर स्टेट में होने जा रहे तीन ताल आयोजन के लिए विशेष निमंत्रण भी शामिल है!

  • - आइए! पुणे आइए...

    - कोई काम-रा धाम-रा नहीं, मज़े ही मज़े

    - औरंगज़ेब अभी तमिलनाडु कैसे पहुँचेगा भाई!

    - कन्हैया कुमार की वैचारिक फिसलन

    - जस्टिस वर्मा का शॉर्ट सर्किट और जस्टिस का जंप कट!

    - ज्यूडिशियल ओवररीच: कानून का बम-गोला

    - मेरठ हत्याकांड और साहिल-मुस्कान की जीनियसता

    - माननीयों का बढ़ा हुआ मेहनताना

    - सिग्नल ऐप पर ट्रम्प के अधिकारी की चूक

    - व्हाट्सऐप की बदलती दुनिया और व्हाट्सऐप के प्रैंक

    - बिज़ार में पॉटी बदमाश: पुलिस से बचने के लिए पैंट में ही कर देता था शौच

    -चिट्ठियां

    - प्रड्यूसर: अतुल तिवारी

    - साउंड मिक्स: रोहन

  • - आदित्य कुलश्रेष्ठ 'कुल्लू' के साथ इंस्टाग्राम के ब्रेन रॉट कॉन्टेन्ट

    - राजा गुर्जर और दुर्गेश नाई और पुनीत सुपरस्टार के साथ देव आनंद!

    - युवाओं का धैर्य और अधीरता और ताऊ के अतरंगी उदाहरण

    - स्पेस से लौटे सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पर अक्षय कुमार की तैयारी

    - औरंगज़ेब-विवाद पर ताऊ का सॉल्यूशन

    - पाकिस्तान का नया राष्ट्रीय स्पोर्ट और कुल्लू की कॉमेंट्री

    - बलूचिस्तान के खाली लोग और इलोन मांगलिक मस्क

    - ताऊ टाइप Grok AI चबूतरे, राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी को गाली

    - भोपाल-विषयक बतकही और सागर गैरे

    - भोपाल की आलस, बतखोरी और नंबर का ऑब्सेशन

    - भोपाली गाली, इंदौर-भोपाल का कॉम्प्टीशन

    - अंकल ह्यूमर के चक्कर में आदित्य

    - भोपाल की भाषा, तहज़ीब और तमीज़

    - कुलदीप दुबे का 'तेरी भैंस को भोपाल ले जाऊं'

    - भोपाल के क़िस्सेबाज़ लोग, स्टोरीटेलिंग की आर्ट और नवाबी-गप्प

    - दिक़्क़त फंसने और ठंड चिपकने का का गप्प

    - मध्य प्रदेश का 'भोलाराम' और पान कल्चर

    - भोपाल की ऐतिहासिक इमारतें और 'हिल्स'

    - बिज़ार में 'मच्छरों की दुनिया'

    - अंत में खां चा के साथ चिट्ठियां

  • - होली के जोगीरे और ताऊ की कविता

    - 'मोमिनों रोज़े रखो' जैसे आधुनिक त्योहारी गीत

    - होली की बदमाशी, आलस और मता जाने की क्रिया

    - लउआ अलंकार, होली की थकान और बेहोशी

    - बजुर्गों की विसडम और सिखावन

    - लठ मार लॉजिक और फ्री का फ़लसफा

    - 'जाने दो' की उदारता

    - लोक का विसडम और आंखों की शर्म

    - मर्डर कूपन का सही इस्तेमाल करने 'इस्तेमाल' हो जाने की कल्पना

    - खां चा के अतरंगी खयाल और जेन ज़ी जोगीरे

    - चिट्ठियां

    प्रड्यूसर : अतुल तिवारी
    साउंड मिक्स : सूरज

  • तीन ताल सीजन 2 के 94वें एपिसोड में कमलेश किशोर सिंह 'ताऊ', आसिफ़ 'ख़ां चा' और कुलदीप मिश्र 'सरदार' के साथ सुनिए/देखिए:

    आपदा में अवसर ढूंढ़ते अफ़सर और मरीज़-ए-मुहब्बत ख़ां चा की वापसी

    फ़िल्म 'मैंने प्यार किया' पर ख़ां चा के मज़ेदार उद्गार और एसपी बालासुब्रमण्यम की मिमिक्री

    पंजाब के स्पोर्ट और सपोर्ट की उलटबांसी और आधे अक्षर से शुरू होने वाले शब्दों के लिए लगाई गई सीढ़ी

    क्लाइमेट चेंज के सवाल पर ताऊ की लेस कंजम्पशन थ्योरी और लगे हाथ पिछले एपिसोड के कुछ यूट्यूब कमेंट्स

    चैंपियंस ट्रॉफी फ़ाइनल में भारत और न्यूज़ीलैंड की भिड़ंत को कैसे एन्जॉय करें

    क्रिकेट देखने का असल मज़ा कब है और चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान ताऊ के टोटके

    रोहित शर्मा पर कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद का आधा कमेंट ठीक लेकिन आधा ग़लत क्यों है

    व्हाइट हाउस में ट्रंप-जेलेंस्की के बीच हुई तीखी नोंकझोंक से दुनिया में क्या मैसेज गया

    ट्रंप और जेडी वांस ने जेलेंस्की को पेलकर ग़लत क्यों किया

    रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान कैसे निकल सकता है

    बैक चैनल टॉक्स, डिप्लोमेसी की भाषा और The Diplomats सीरीज का ज़िक्र

    रमज़ान के क़िस्से, सेहरी और इफ़्तार के चुटीले वाक़ये

    रोज़ादारों का सब्र, ख़ां चा का टेढ़वा मुंह रोज़ा और मस्ज़िदों से जगाने वाली कर्कश आवाज़

    बिज़ारोत्तेजक ख़बरों में मुंबई यूनिवर्सिटी के स्पेलिंग मिस्टेक से लगा करोड़ों का चूना और कॉमन एरर्स से उपजे अर्थ के अनर्थ

    मुंबई के होटल ने चप्पल चोरी रोकने के लिए उठाया अजीबोगरीब क़दम

    और आख़िर में प्रिय तीन तालियों की मज़ेदार और सारगर्भित चिट्ठियां

    प्रड्यूसर: कुमार केशव
    साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह
    वीडियो एडिट: आशीष रावत

  • - हनी सिंह का मेनियक-गीत और दीदिया के देवरा की दुनिया

    - रागिनी विश्वकर्मा के गीत और भोजपुरी की दुनिया

    - पवन सिंह, खेसारी, रवि किशन और मनोज तिवारी के गीत

    - पाकिस्तान के मौलानाकांक्षी-क्रिकेटर

    - क्या लड़का और लड़की दोस्त नहीं हो सकते?

    - रांझणा, मैंने प्यार किया, अंदाज अपना-अपना और घातक की री रिलीज

    - सिनेमा हॉल की दुनिया और हीरो की ऐंठ

    - द ग्रेट इंडियन किचन vs मिसेज पर चर्चा

    - कविता : खाना बनाती स्त्रियां

    - बिज़ार : 'शादी करो नहीं तो नौकरी से निकाल देंगे' पर बतकही

    - प्रड्यूसर : अतुल तिवारी

  • - किया तबाह तो दिल्ली ने भी बहुत 'बिस्मिल', मगर ख़ुदा की क़सम लखनऊ ने लूट लिया.''

    - रेखाओं का खेल है मुकद्दर

    - सत्ता की ये नई रेखाएं और प्रवेश निषेध

    - भारत-पाकिस्तान की क्रिकेट-विरासत

    - गुटखे की मौन भाषा और 'पीक' की Peak

    - अपनी तेरहवीं के भोज में आकर खड़ा हो गया शख्स

    - खून उगलता भारत और कपड़े से पत्थर तोड़ने की कला

    - भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच की यादे और पागलपन

    - लखनऊ का ह्यूमर, तहज़ीब और क़िस्से

    - नागा साधु बनने की प्रक्रिया और उनकी दुनिया

    - नागा संन्यास की सबसे कठिन परीक्षा

    - प्रिय तीन तालियों की चिट्ठियां

    - प्रड्यूसर : अतुल तिवारी

  • दिल्ली में अच्छा 'सिसोदिया' दिया तूने प्यार का

    दिल्ली चुनाव परिणाम का अतरंगी विश्लेषण

    काजल की कोठरी में AAP?

    राजा मेकर अवध ओझा की हार

    भगवंत मान के नाम में भगवा

    पगला ट्रंप का पगला अमरीका

    गले लगने का संकोच और गले लगने की नवैयत

    रोस्ट किसका होना चाहिए? किसका नहीं!

    कॉमेडी का लेवल और सेंस ऑफ ह्यूमर का अर्थ

    मंगलगारी गारी और इलाहाबाद का 'कुष्ठ' चौराहा

    बिज़ार : ब्याह में सिबिल वार और इनकार

    दूसरी बिज़ार : लंका लगाने वाले बांदर पर बतकही

  • - 90 का ज़माना, नब्बे का चक्र और नब्बे नखरे

    - नॉस्टैल्जिया में रखा क्या है? नॉस्टैल्जिया में कुछ नहीं रखा है

    - उदित नारायण और कुमार सानू का दौर!

    - उदित नारायण लिपसिंक-दौर और थर्ड-गियर के आदमी

    - अनैतिक-टैक्स-सिस्टम और बिहार पखाना-मखाना बोर्ड

    - निर्मला ताई अमर कैसे होंगी? ताऊ ने बताया

    - पर्चे-पर्ची के नियम और पर्ची-खेल के किस्से

    - जवान रहने का फितूर और नर-मादा का वाङ्मय

    - मादा प्रेमी मोर और बया का घोंसला

    - रिजाने की जेनेटिक प्रकृति और बुढ़ापे का डर

    - जवानी की मोरपंखी चाल और मस्त जवानी

    - बिज़ार खबर : संजय राऊत का भैंसा-बयान

    - अगली बिज़ार ख़बर :यूपी के आगरा में बिंदी को लेकर विवाद

    - अंत में प्रिय तीन तालियों की चिट्ठियां

    प्रड्यूसर : अतुल तिवारी

  • - बंदर, कुत्ते और इंसान के जीवन के नवैयत से बतकही शुरू

    - वेब सिरीज़ और फिल्मों के रिकमेंडेशन

    - काम की अंधी दौड़ और आशिकों की फरवरी

    - कुंभ की भगदड़, भीड़-भाड़ का ड़

    - लौंडों की हरकत और हिंदुस्तान का 'पाताल लोक'

    - नदी में मुनिया कि अमोनिया और सैनीटाइज़ सैनी सा'ब

    - चैंपियन की चैंपियन हरकत और जीवन का इंजन

    - सोनू-मोनू और छोटे सरकार! विदेश का मामला!

    - खां चा की गुंडई और टाइट करके छोड़ देने वाले दोस्त!

    - डीपसीक का 'Seek' जीरे की बुआई, हेलिकॉप्टर की मांग

    - मेड़ काटने उपक्रम, ट्रेन रोककर पीटने वाला लोको पायलट

    - तीन तालियों की चिट्ठियां

  • - ट्रंप का टैरिफ प्लान और एलन मस्क की बुरी संगत

    - दिल्ली चुनाव में रावण और मारीच

    - होपलेस जनता और डेमोक्रेसी का फेलियर

    - सैफ-करीना की सेफोलॉजी

    - कुंभ पर विश्वास-अंधविश्वास और तमाम वायरल बाबा

    - अमीरों से द्वेष और अरबी शेखों के अतरंगी शौक

    - अमीरों की सादगी और आम आदमी की चाहत

    - खां चा के टिप देकर काम कराने वाले किस्से

    - सागर के बदला लेने वाले कुत्ते

    - प्रिय तीन तालियों की चिट्ठियां

    प्रड्यूसर : अतुल तिवारी

    साउंड मिक्स : सौरभ कुकरेती

  • तीन ताल सीजन 2 के 87वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', कुलदीप 'सरदार' और 'मंझले भैया' निशांत के साथ सुनिए:

    - रिटर्न ऑफ मंझले भईया और दिल्ली 'बॉर्डर' से संदेशे

    - दिल्ली में ग्रैब 4 के बहाने दिल्ली में सरकारी ठगी

    - 90 घंटे निहारने का उपक्रम और आलिया भट्ट की निहार-थकान

    - प्रयाग-महाकुंभ के आईआईटी वाले बाबा और अस्तित्ववादी सवाल

    - रसायन का असर, मेले में खो जाने वाले बच्चे और लॉस्ट एंड फाउंड वाली फिल्में

    - लैला-मजनू, रोमियो जूलियट और सोनी महिवाल के नाम पर फब्तियां

    - इजरायल-फ़िलिस्तीन में समझौता और ट्रंप-बाइडन की क्रेडिट होड़

    - जाड़े में नहाने का श्रेष्ठता बोध और न नहाने का सुख

    - स्नान के प्रकार और ठंडे पानी से नहाने की प्रक्रिया

    - लोक में सुईटर, जाकिट और जरकिन के प्रसंग

    - फायर मैनेजर और अलाव में लकड़ी पलटने की खुजली

    - ठंड की चोट और रजाई के राजा बाबू

    - बिज़ार खबर में पसलियों से मुकुट बनवाने की कथा

    - अंत में प्रिय तीन तालियों की चिट्ठियां