Avsnitt
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सूरज और सितारे ठंडे…ये शब्द किसी साधारण कवि के नहीं, बल्कि उस लेखक की आवाज़ हैं, जिसने हिंदी साहित्य को नई दिशा दी…धर्मवीर भारती. इलाहाबाद की गलियों से ‘धर्मयुग’ की बुलंदियां छूने तक, उनकी कहानियां सवालों, संघर्षों और संवेदनाओं से भरी है. ‘गुनाहों का देवता’ के चंदर-सुधा हो या ‘अंधा युग’ के पात्र, भारती की हर रचना ने लोगों के दिल को छुआ. लेखन, नाटक, पत्रकारिता - हर मंच पर उन्होंने शब्दों से समझौता नहीं किया. सुनिए ‘नामी गिरामी’ में लेखक कवि और नाटककार धर्मवीर भारती की कहानी.
प्रड्यूसर : अंकित द्विवेदी
साउंड मिक्सिंग : अमन पाल -
एलाइज़ और सेंट्रल पॉवर्स. दो बड़े खेमे आमने सामने थे. एक तरफ़ फ्रांस, रशिया, ग्रेट ब्रिटेन और अमेरिका. दूसरी तरफ़ ऑस्ट्रिया-हंगरी, जर्मनी, बुल्गारिया और ऑट्टोमन साम्राज्य. लेकिन इस जंग के बीच एक कहानी पनपी. एक ऐसी औरत की कहानी जिसकी ख़ूबसूरती क़ातिल थी. एक ऐसी कलाकार जो स्टेज पर चढ़ते ही सबको वश में कर लेती थी. एक ऐसी जासूस जिसपर डबल एजेंट होने के आरोप लगे. फिर क्या हुआ? जानने के लिए नामी गिरामी का ये एपिसोड जहां जमशेद क़मर सिद्दीकी सुना रहे हैं डच जासूस माताहारी की कहानी.
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: रोहन भारती, सूरज सिंह और अमन पाल -
Saknas det avsnitt?
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इंग्लैंड की जनता उसे इतना प्यार करती थी कि 29 जुलाई, 1981 को उसकी शादी का हिस्सा करीब 75 करोड़ लोग बने. कोई रेडियो कोई टीवी के ज़रिए. जब 16 साल बाद उसकी मौत हुई तो करीब 250 करोड़ लोग उसके Funeral का हिस्सा बने. इन 16 सालों में बस ये आंकड़ा ही नहीं बदला था. लोगों का राजशाही को देखने का नज़रिया भी बदला था. लोगों ने Princess of wales को People’s Princess बनते देखा. लेकिन इन 16 सालों में क्या-क्या घटा. किस तरह घटा और क्यों घटा? इन सवालों के जवाबों में बार बार गूंजता है एक नाम. नामी गिरामी के इस एपिसोड में कहानी Princess Diana की.
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: सूरज सिंह & अमन पाल -
नानी पालखीवाला सिर्फ एक वकील नहीं थे, वो भारत के संविधान की आत्मा की आवाज़ थे. एक शर्मीले छात्र से लेकर सुप्रीम कोर्ट के सबसे दमदार वकील तक का सफ़र. उन्होंने न सिर्फ अदालतों में ऐतिहासिक लड़ाइयां लड़ीं, बल्कि टाटा समूह के साथ भारत की आर्थिक दिशा भी तय की, पीवी पर्स केस, आपातकाल और अमेरिका में भारतीय राजदूत की भूमिका, हर मोड़ पर नानी का दृष्टिकोण एक मिसाल बना, सुनिए नानी की कहानी 'नामी गिरामी' में.
प्रड्यूस- कुंदन
साउंड मिक्स- अमन पाल और सूरज सिंह -
एक कलाकार, जिसने अपनी फिल्मों के ज़रिए देशप्रेम को घर घर तक पहुंचाया. कभी अपनी फिल्मों के ज़रिए बेरोज़गारी पर प्रहार किया, कभी जय जवान जय किसान और कभी याद दिलाया कि भारत ने दुनिया को शून्य देकर गिनती करना सिखाया है. नामी गिरामी के इस एपिसोड में कहानी मशहूर फिल्म एक्टर डिरेक्टर मनोज कुमार उर्फ भारत कुमार की.
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: रोहन भारती -
विंस्टन चर्चिल को दुनिया दूसरे विश्वयुद्ध का महानायक मानती है. उनके जोशीले भाषणों ने ब्रिटेन को हिटलर से लड़ने की ताकत दी. मगर क्या आप जानते हैं कि इसी नेता ने भारत के साथ क्या किया? 1943 में बंगाल में भयंकर अकाल पड़ा. 30 लाख से ज्यादा लोग भूख से मर गए, लेकिन चर्चिल ने जानबूझकर मदद नहीं भेजी. वो महात्मा गांधी को "नंगा फकीर" कहकर अपमानित भी करते थे. जिस नेता ने यूरोप को बचाया, उसी ने भारत को क्यों भूखा मरने दिया? आज नामी गिरामी में कहानी है यूनाइटेड किंगडम के 62वें प्रधानमंत्री, कूटनीतिज्ञ, प्रखर वक्ता, लेखक और इतिहासकार - सर विंस्टन लियोनार्ड स्पेंसर चर्चिल की.
प्रड्यूसर: अंकित द्विवेदी
साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह और अमन पाल -
आगरा के महलों से दक्कन की रणभूमि तक, एक नाम जिसने मुग़लिया सल्तनत को शिखर तक पहुंचाया लेकिन जिसकी विरासत विवादों से घिरी रही—औरंगज़ेब. 14 साल की उम्र में गुस्साए हाथी से भिड़कर शाहजहां का दिल जीतने वाला यही शहज़ादा आगे चलकर अपने भाई दारा शिकोह का सिर कलम कर पिता के सामने रख देता है. मुग़ल सल्तनत का छठा बादशाह, जिसने 49 साल राज किया—कभी धर्मनिष्ठ, तो कभी क्रूर शासक कहा गया. औरंगज़ेब कौन था? एक बादशाह, एक योद्धा, या अपने समय की उलझनों में फंसा इंसान? आज के ‘नामी गिरामी’ में कहानी शाहजहां और मुमताज़ महल के बेटे, मुही अल-दीन मुहम्मद औरंगज़ेब की.
प्रड्यूसर: अंकित द्विवेदी
साउंड मिक्सिंग: अमन पाल और सूरज सिंह -
गेंहुआ रंग के चेहरे पर सफेद दाढ़ी. पैनी नाक और तनी हुई आँखें. इसी चेहरे को लोग शेर-ए-बलूचिस्तान पुकारा करते थे. यही चेहरा था, जो पाकिस्तान के सियासतदानों की नींदें उड़ाता था. इसी चेहरे को याद कर आज भी दुनियाभर के कई हिस्सों में बलूचिस्तान मूवमेंट पहले से कहीं ज़्यादा पुख्ता है. यह वह शख्स था, जिसने पाकिस्तान की जम्हूरियत को बनते और फिर टूटते देखा. ताज्जुब कि बात ये है कि इस आदमी को पाकिस्तान की सरकार ने गद्दारों की लिस्ट में शामिल किया. वो लिस्ट जिसमें शायर फैज़ अहमद फैज़ से लेकर सुहरावर्दी जैसे लोग भी थे.‘नामी गिरामी’ के इस एपिसोड में सुनिए कहानी—एक दौर में जिन्ना से हाथ मिलाने वाले, भुट्टो की हमदर्दी पाने वाले और फिर मुशर्रफ की अदावत में जान गंवाने वाले शेर-ए-बलूचिस्तान नवाब अकबर शाहबाज़ खान बुगती की.
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: रोहन भारती -
इटली के एक छोटे से शहर का लड़का जिसने अपना बचपन फुटबॉल नहीं, रंगों और डिज़ाइंस से खेलते हुए बिताया. वो मिलान पहुंचा तो उसने अपने डिज़ायंस से सबको चौंकाया. दुनिया को बताया कि बोल्डनेस भी स्टाइलिश हो सकती हैं. वक्त के सभी बड़े लोग उसके प्रशंसक थे. चाहे एल्टन जॉन हो, प्रिंसेस डायना या मडोना. लेकिन फिर क्या हुआ कि उसके बंगले के सामने एक सनकी ने उसे गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया? ‘नामी गिरामी’ के इस एपिसोड में कहानी Gianni Versace की
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: रोहन भारती -
एक हज़ार दीनार में खरीदा गया एक गुलाम जिसने अपनी चतुराई, बहादुरी और सत्ता के खेल में महारत हासिल कर दिल्ली सल्तनत की सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने का सफर तय किया. मलिक काफ़ूर—एक ऐसा नाम, जो कभी युद्ध के मैदान में अपनी तलवार की चमक से पहचाना गया तो कभी राजमहल के षड्यंत्रों में उलझा. गुजरात के खंभात की मंडी से दिल्ली सल्तनत का सेनापति बनने तक उसकी यात्रा सत्ता, विश्वासघात और महत्वाकांक्षा से भरी रही. वो अलाउद्दीन खिलजी का सबसे करीबी और भरोसेमंद योद्धा था जिसने दक्षिण भारत के समृद्ध राज्यों को झुका दिया और सल्तनत की सीमाओं का विस्तार किया. आज के 'नामी गिरामी' में कहानी गुलाम से सेनापति बने ‘मलिक काफ़ूर’ की.
प्रड्यूसर: अंकित द्विवेदी
साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह -
लाल कपड़े पहने हुए करीब 15,000 कम्यूनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता, सत्यजीत रे, भीष्म साहनी, वीपी सिंह समेत देशभर से आए हुए कलाकार. सब एक ही शख्स से जनाज़े में शामिल होने के लिए आए थे. लाल कपड़े में लिपटा हुआ वो शख्स जिसका नाम सफ़दर हाशमी था. वही सफ़दर जिसके बिना भारत के थिएटर का इतिहास अधूरा है. वही सफ़दर जिसने नुक्कड़ नाटकों ने आम जनता तक थिएटर की पहुंच आसान की. वही सफ़दर जिसने लोगों को सिखाया कि कैसे ये नाटक विरोध-दर्ज़ करने का माध्यम भी है. और वही सफ़दर जिसके नाटक के कारण ही 34 साल की उम्र में उनकी जान ले ली गई.‘नामी गिरामी’ के इस एपिसोड में कहानी सफ़दर हाशमी की
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: सूरज सिंह -
1998 की सर्दियों में, दिल्ली की राजनीति में जबरदस्त हलचल थी. इंडिया गेट पर एक गरमागरम बहस के दौरान, दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित आमने-सामने थीं. इसी बहस में शीला दीक्षित के पक्ष में माहौल बदला, जिसने दिल्ली की सियासत को हमेशा के लिए बदल दिया. जो शीला दीक्षित कभी उत्तर प्रदेश की कन्नौज सीट से चुनाव लड़ चुकी थीं, वो आखिर कैसे दिल्ली की सत्ता तक पहुंचीं? कैसे उन्होंने लगातार तीन कार्यकाल पूरे किए और दिल्ली को एक आधुनिक महानगर में तब्दील किया? 2013 में उनकी हार क्यों हुई? और 2019 में दोबारा दिल्ली कांग्रेस की कमान संभालने के बावजूद, उनका जादू क्यों नहीं चला? आज के 'नामी गिरामी' में कहानी दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित की.
प्रड्यूसर: अंकित द्विवेदी
साउंड मिक्सिंग: रोहन भारती -
एक शख्स था जिसका एक दौर में बंबई में रौब था. ये रौब उस शख्स का था जिसने वेल्लूर से आकर बंबई शहर में अपना सिक्का जमाया, वो भी ऐसा कि पुलिस उसके इलाके में जाने से डरती थी. वो जिस गणपति पांडाल का ज़िम्मा उठाता वहां बड़े से बड़ा हीरो आकर नाचता. नाम ऐसा की बड़ी बड़ी मैग्ज़ीनों ने उसे कई दफा अपने कवर पेज में जगह दी. स्टाइल ऐसा की तमाम फिल्म मेकर्स ने उसकी जिंदगी पर फिल्म बनाई. यहां तक की अमिताभ बच्चन ने अग्निपथ में अपने डॉयलोग इसी डॉन से इंस्पायर होकर कहे. लेकिन एक आउटसाइडर कैसे बना बंबई का नामचीन गैंगस्टर? वो भी उस बंबई का जिसपर पहले से ही करीम लाला और हाजी मस्तान राज करते थे. आज के ‘नामी गिरामी’ में कहानी बंबई के कुख्यात गैंग्सटर वर्दाराजन मुदालियार उर्फ़ वरदा भाई की.
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: सूरज सिंह -
क्रिकेट की दुनिया में कुछ नाम ऐसे होते हैं जो समय के साथ और भी बड़े हो जाते हैं और मैल्कम मार्शल उन्हीं में से एक थे. वेस्ट इंडीज के इस दिग्गज तेज गेंदबाज ने अपनी गति, सटीकता और स्विंग से क्रिकेट जगत को मंत्रमुग्ध कर दिया उनका कद अन्य गेंदबाजों के मुकाबले छोटा था, लेकिन उनकी उपलब्धियां आसमान छूती थीं, सुनिए कंप्लीट फ़ास्ट बॉलर की पूरी कहानी 'नामी गिरामी' में.
प्रोड्यूसर- कुंदन
साउंड मिक्स- नितिन रावत -
फिल्म इंडस्ट्री में ओशो से प्रभावित होने वालों की लंबी सूची है लेकिन उसी इंडस्ट्री में एक नाम और भी था जिसका ओशो से तगड़ा मोहभंग हुआ. ये वही डिरेक्टर था जिसने शम्मी कपूर को स्थापित किया, ऐसे गाने शूट किए जो आइकॉनिक बन गए. उनके व्यूफाइंडर से गाइड, जॉनी मेरा नाम, नौ दो ग्यारह जैसी फिल्में निकली. जो आज भी दुनियाभर की सबसे बेहतरीन फिल्मों में शुमार होती है. मगर इन फिल्मों को बनाने वाला शख्स ओशो तक कैसे पहुंचे? उनकी ज़िंदगी में ऐसा क्या घटा? वो फिल्मों तक कैसे पहुंचे? और उन्हें बॉलीवुड में कैसे याद किया जाता है? ‘नामी गिरामी’ के इस एपिसोड में कहानी मशहूर एक्टर-डिरेक्टर विजय आनंद की.
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: नितिन रावत -
साल 1956. अप्रैल की एक सुबह. हेडलाइंस चिल्ला रही थीं. “Girl cut in half - Shock on TV"- "Sawing Sorcar alarms viewers". देखते ही देखते न्यू योर्क में उस भारतीय कलाकार का शो हाउसफुल हो गया. ये सही मायने में उस कलाकार का जादू ही था कि उसने वेस्टर्न जादूगरों की दुनिया में भारतीय जादू को नई पहचान दिलाई. दुनिया में घूम घूम कर लोगों को अपने जादू का मुरीद बनाया और इतना सम्मान पाया कि आज उसके नाम पर कोलकाता में एक पूरी रोड है. उसके नाम के साथ पद्मश्री जुड़ा हुआ है. नाम गिरामी में आज कहानी भारतीय जादूगर प्रोतुल चंद्र सोरकार उर्फ़ PC Sorcar की.
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: रोहन भारती -
जहांगीर की सबसे छोटी पत्नी, जिनके बारे में कहा जाता है कि सल्तनत को पर्दे के पीछे से वही चलाती थीं. कई मौकों पर उन्होंने बादशाह जहांगीर की जान भी बचाई और ऐसे मक़बरे बनवाए, जिनके बारे में कहा जाता है कि ताजमहल बनाने में उनकी नकल की गई. इन सबके बावजूद, उन्हें काल कोठरी में डाल दिया गया. उनकी ज़िंदगी से जुड़े किस्से सुनिए 'नामी गिरामी' में, नितिन ठाकुर से.
प्रोड्यूसर- कुंदन
साउंड मिक्स- रोहन -
एक नेता जिनके विचारों ने भारत को आर्थिक उदारीकरण के मार्ग पर अग्रसर किया, एक नेता के तौर पर उनकी विनम्रता ने राजनीति को सादगी और गरिमा का नया आयाम दिया. किसी ने accidental prime minister बुलाया गया, कभी उनकी नीतियों के लिए सराहा गया तो कभी उनकी सरकार भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे. मगर रिज्यूमे को खोलकर देखा जाए तो 4-5 पन्ने तो सिर्फ उन पदों के विवरण से भर जाते हैं बाकी पन्ने उनकी डिग्रियों और क्वालिफिकेशन्स से. भारत का गिरवी रखा सोना वापस भारत लाने से लेकर भारत की फोरन पॉलिसी में बड़ा बदलाव लाने तक. इन सब के पीछे एक शांत स्वभाव की शख्सियत थी, जो बोलती कम थी, सुनती ज़्यादा और मुस्कुराती सबसे ज़्यादा थी. जिनकी नीली पगड़ी, जाना पहचाना चश्मा और मीठी आवाज़ जो शायद कभी भुलाई नहीं जा सकती. नामी गिरामी में कहानी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की.
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: सूरज सिंह -
देश के दिल में बसा है एक राज्य हरियाणा. वही हरियाणा जो खेल-खलिहान के लिए हमेशा जाना जाता है. लेकिन हरियाणा साथ ही जाना जाता है राजनेताओं के लिए. इस एपिसोड में कहानी एक ऐसे नेता की जो 5 बार हरियाणा का मुख्यमंत्री बना. कहानी हरियाणा की राजनीति के बड़े नाम, भारत के छठे उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे और 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला की. सुनिए ‘नामी गिरामी’ में
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: नितिन रावत -
एक उस्ताद, जिसका नाम तबले की मधुर मगर गंभीर ताल की तरह देश-दुनिया में गूंजा. ये नाम जहां भारतीय शास्त्रीय संगील में हमेशा इज़ज्त से लिया गया वहीं इंटरनेशनल म्यूज़िक के गलियारों में भी इस तबला वादक ने अपने संगीत से छाप छोड़ी. इस म्यूज़िशियन ने जहां ग्रैमी जैसे इंटरनेशनल ख्याति वाले अवॉर्ड्स जीते, वहीं भारत में पद्म श्री, पद्म विभूषण और पद्म भूषण से भी सम्मानित हुए. आज के नामी गिरामी में कहानी इसी फनकार की. कहानी उस्ताद ज़ाकिर हुसैन की.
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: सचिन द्विवेदी - Visa fler