Avsnitt
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कुछ दिन पहले की बात ये
दोस्त ने जगाए अरमान मेरे
जो रास्ता था बंद पडा
वो खुला और मैं गिर पडा
बात ये कि शादी के सपने देखे
जीवन के हसीन पल स्वप्न मे लेके
चला मैं खुशिया ढूंढते
पर कुडंली ना मिला फिर रो बैठे
था सिर्फ मेरा दोश
सब कहे मत खो होश
पर मासूम दिल को कौन बताए
वो करे जो उसका मन चाहे
कोई नही, है समंदर में कई सारे
रास्ता खोला अब बंध ना होवे
ढूंढता रहूँ अब हो ना पावे
ओ उपर वाले कभी तो हर्ष दे -
Memories of my ex wife
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Saknas det avsnitt?
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When dreams shatter
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Rishton ke us kashmakash lamhe ke samay ki kavita
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A poem for a crush who does not give me a chance to go on a date
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A short poem on new year 2021
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A poem on love for my country. My country my home
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A poem of my dreams dedicated to a special N
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A brief introduction to my poetry