Avsnitt
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April 22, 2024, 03:22PM
April 22, 2024, 03:22PM
ऐसा लगता है सूरत में मैच फिक्सिंग हो गई? मतदान नहीं हुआ, वोटों की गिनती नहीं हुई, आठ उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लिया, कांग्रेस के उम्मीदवार का पर्चा रद्द हो गया और बीजेपी का उम्मीदवार आराम से जीत गया। 2024 के चुनाव का पहला रिज़ल्ट आ गया है। यह अद्भुत चुनाव हुआ है। मतदान के अलावा सब कुछ हुआ है। रातों रात प्रस्तावक गायब हो जाते हैं, मुकर जाते हैं, कांग्रेस के उम्मीदवार चुपके से गायब हो जाते हैं, भाजपा के लिए वाक़ई सौभाग्य की बात है। इतना सब कुछ नियमों के तहत हो रहा है कि अब नियमों पर ही शक होने लगा है। -
April 22, 2024, 01:04PM
April 22, 2024, 01:04PM
भारत के प्रधानमंत्री अगर झूठ न बोलें, उनके भाषण में नफ़रती इशारे न हों तो उनका भाषण पूरा नहीं होता। आम तौर पर प्रधानमंत्रियों के भाषण की आलोचना होती है, लेकिन मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जिनके हर भाषण के बाद देखा जाता है कि उसमें कितना झूठ है और उसमें कितनी नफ़रत है। मुसलमान उनके भाषण में न आए तो लगता ही नहीं कि उनका भाषण है। वे खुद ही साबित कर रहे हैं कि उनकी राजनीति की बुनियाद ही इस नफ़रत पर खड़ी है। उसी के सहारे चुनाव जीतते रहे हैं। -
Saknas det avsnitt?
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April 21, 2024, 09:29AM
April 21, 2024, 09:29AM
आप बार बार एक क़ानून का नाम सुनते हैं। PMLA. मनी लॉंडरिंग की रोकथाम के लिए लाया गया ये क़ानून हाल के वर्षों में अक्सर चर्चा में रहा है। इस क़ानून की धाराएँ काफ़ी सख़्त होती हैं और इस वक़्त दो मुख्यमंत्री इन्हीं धाराओं के तहत जेल में हैं। हमने जानने की कोशिश की कि आख़िर मनी लॉंडरिंग और उसके बाद आने वाले PMLA यानी Prevention of Money Laundering Act का इतिहास क्या है। जब पढ़ने लगे तो समझ आया कि भारत में इसके इतिहास को समझने के लिए 1920 के अमरीका जाना पड़ेगा। हमारी कहानी वहीं से शुरू होती है। आने वाले समय में हम इस पर और वीडियो भी करेंगे। वीडियो पूरा देखें।
Credit: Wikimedia Commons -
April 20, 2024, 03:51PM
April 20, 2024, 03:51PM
क्या इस चुनाव में रेल की बात हो रही है? बीजेपी के प्रचार वीडियो में वंदे भारत की चमकदार तस्वीर रेलवे की अलग ही तस्वीर पेश करती है, मगर क्या वंदे भारत ही रेल की असली तस्वीर है? उसी का प्रचार होता रहता है लेकिन कितने लोग वंदे भारत का इस्तेमाल करते हैं। आम हिंदुस्तानी किस हालात में रेल की यात्रा करता है, इसकी तस्वीर ही मीडिया से ग़ायब कर दी गई है। आज के वीडियो में आप शुरू से अंत तक रेलवे ही नहीं, छोटे छोटे शहरों में बनने वाले एयरपोर्ट के बारे में जानेंगे तब पता चलेगा कि आंखों के आगे चमक पैदा की जा रही है ताकि सामने का अंधेरा आपको दिखाई न दे। -
April 20, 2024, 11:14AM
April 20, 2024, 11:14AM
कहीं ज़ीरो प्रतिशत मतदान तो कहीं पांच से आठ प्रतिशत तक कम मतदान तो कहीं मतदाता सूची से ही लोगों के नाम ग़ायब। ये चुनाव वोट डालने का हो रहा है या वोट नहीं डालने का चुनाव है। गर्मी को ज़िम्मेदार बताया जा रहा है मगर गर्मी भी बहाना है। हम इस वीडियो में उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान, तमिल नाडु के साथ साथ मणिपुर और नागालैंड की भी बात करने वाले हैं। 2019 की तुलना में 102 सीटों पर मतदान कम ही हुआ, बढ़ा नहीं। नगालैंड में तो छह ज़िलों में ज़ीरो प्रतिशत मतदान हुआ है। क्या यह कोई सामान्य घटना है? -
April 19, 2024, 03:42PM
April 19, 2024, 03:42PM
लोकसभा की 102 सीटों के लिए पहले चरण का मतदान हो गया। दस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव पूरी तरह संपन्न हो गया। 21 राज्यों में मतदान से जुड़ी अलग-अलग ख़बरें आती रहीं। कहीं धीमी तो कहीं तेज़ गति से मतदान होता रहा। मणिपुर से सुबह से ही हिंसा की घटनाओं की ख़बरें आती रहीं, मगर कई जगहों पर मतदान सुचारु रूप से चलता रहा। शाम होते होते उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों की तरफ़ से आरोप लगाए जाने लगे कि चुनाव में गड़बड़ी हुई है। कुछ जगहों से चुनाव के बहिष्कार की ख़बर भी सुनने को मिली। सवाल है कि क्या विपक्ष, ख़ास कर कांग्रेस, यहां से अपनी ग़लतियों में सुधार करेगी या बीजेपी अपनी पकड़ और मज़बूत करती चली जाएगी? -
April 19, 2024, 12:32PM
April 19, 2024, 12:32PM
तो क्या केजरीवाल ज़मानत के लिए आम खा रहे हैं? मिठाई खा रहे हैं ताकि ब्लड शुगर बढ़ जाए और कोर्ट से ज़मानत मिल जाए? ईडी ने कहा है कि केजरीवाल जानबूझ कर आम और मिठाई खा रहे हैं ताकि ब्लड शुगर बढ़े और ज़मानत मिले। क्या ऐसा बोल कर ईडी ने न्यायिक प्रक्रिया का मज़ाक नहीं उड़ाया है? केजरीवाल ने कितने आम खा लिए होंगे, कितनी मिठाई खा ली होगी? ऐसा लगता है कि ईडी के पास कोई तर्क नहीं बचा है। -
April 18, 2024, 01:56PM
April 18, 2024, 01:56PM
इस चुनाव में संविधान बड़ा मुद्दा बन गया है। विपक्ष की तरफ से देखें तो उनके लिए चुनाव संविधान और लोकतंत्र बचाने का चुनाव है। मानिए या ना मानिए संविधान 2024 के चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। संविधान की यह किताब जो हर भारतीय के नागरिक जीवन की सबसे बड़ी गारंटी है, क्या उसका भविष्य ख़तरे में हैं? बिहार के गया ज़िले में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा दिया कि इसकी गारंटी देते हैं कि संविधान नहीं बदलेगा मगर उन्होंने एक और बात भी कही है। मोदी कहते हैं कि संविधान सभा के जो सदस्य थे उनमें से 80-90 प्रतिशत सनातनी थे जिन्होंने बाबा साहब अंबेडकर का साथ दिया। क्या यह कोई साधारण पंक्ति है? इस बात पर आपके कान खड़े हो रहे हैं या नहीं? -
April 17, 2024, 03:03PM
April 17, 2024, 03:03PM
दस साल के कार्यकाल के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी ने आज तक एक खुली प्रेस कांफ्रेंस नहीं की है। उनके उलट राहुल गांधी पिछले कई सालों से लगातार प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का खुले रूप से सामना करते रहे हैं। जब आप एक प्रेस कांफ्रेंस देखते हैं तो एक फ़्रेम में सिर्फ़ बोलते हुए नेता का चहरा देखते हैं। उस कमरे का माहौल, पत्रकारों की बेचैनी और सवालों की आवाज़ आप तक नहीं पहुँचती है। हमने कोशिश की है कि आप तक प्रेस कांफ्रेंस की उस ख़त्म होती हुई विधा की एक झलक पहुँचाई जाए जिसमें प्रधानमंत्री मोदी शामिल होने से इनकार करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सौ चुनाव में राहुल गांधी को हरा दें लेकिन सच यही है कि एक बार भी वे वैसी प्रेस कांफ्रेंस नहीं कर सकते जिस तरह से राहुल गांधी ने की है। -
April 17, 2024, 11:16AM
April 17, 2024, 11:16AM
गढ़वाल सीट पर कांग्रेस के गणेश गोदियाल और भाजपा के अनिल बलूनी के बीच नहीं, बल्कि मुद्दों पर भी मुकाबला हो रहा है। एक तरफ अग्निवीर, बेरोज़गारी और पेपर लीक जैसे स्थानीय मुद्दे हैं तो दूसरी तरह नरेंद्र मोदी की छवि, यूनिफार्म सिविल कोड औऱ 370 जैसे राष्ट्रीय मुद्दे हैं। सवाल है कि क्या अनिल बलूनी अग्निवीर के मुद्दे को हरा देंगे? गणेश गोदियाल ने अभी हार नहीं मानी है। वे लड़ रहे हैं। चुनाव ऐसे ही होने चाहिए। हार जीत से पहले मुकाबला होना चाहिए। -
April 16, 2024, 03:53PM
दस साल तक प्रधानमंत्री रहने के बाद नरेंद्र मोदी ने एक भी खुली प्रेस कांफ्रेंस नहीं की। वो इंटरव्यू भी देते हैं तो वहां हम जैसे पत्रकार नहीं होते हैं। किसे इंटरव्यू देंगे यह उनका चुनाव हो सकता है लेकिन जो सवाल पूछा जाता है और उनकी तरफ़ से जो जवाब आता है उसका मूल्यांकन तो हो ही सकता है। लेकिन क्या यह विचित्र नहीं है कि इलेक्टोरल बॉन्ड पर वो पत्रकार सवाल पूछ रहे हैं जिन्होंने इस पर खुद कोई रिपोर्ट नहीं की? वही पत्रकार सवाल पूछ कर प्रधानमंत्री को सफ़ाई पेश करने का मौक़ा दे रहे हैं जो डेटा को देखकर भी उन तथ्यों को सामने नहीं लाए जिन्हें सरकार छिपाने का प्रयास कर रही थी। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी इंटरव्यू देते हैं इसका विश्लेषण शुरू हो जाता है कि पत्रकार ही कर रहा था या कलाकार कर रहा था। -
April 16, 2024, 12:31PM
हज़ार बार बताया जाए तो किसी के भी दिमाग में यह बात बैठ जाएगी कि भारत दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है और लगेगा कि सरकार अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में बहुत कुछ कर रही है। लेकिन क्या लोग अपनी हालत भी देख रहे हैं कि इससे उनके जीवन में क्या बदला है, यह कैसे हो सकता है कि भारत तरक्की करे, आपके जीवन में तरक्की ही न हो। अच्छी बात है कि भारत पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन आप कहां हैं? -
April 15, 2024, 12:45PM
बीजेपी का मेनिफेस्टो आ गया। इसे पढ़ कर युवा मतदाताओं को तय करना होगा कि आज नौकरी चाहिए या 2047 का विकसित भारत चाहिए। नौकरी चाहिए या सपना चाहिए। सपने में भी आज का सपना चाहिए या 23 साल बाद का सपना चाहिए? वैसे बेरोज़गारी के दिनों में सपने ही काम आते हैं, अगर कोई नौकरी न दे और मिलने का सपना दिखा दे वह भी प्यारा लगने लग जाता है। धर्म के नशे में डूबे हुए, मज़बूत राष्ट्र की पालकी पर झुला झूल रहे भारत के युवा मतदाता बीजेपी के मेनिफेस्टो में अपने लिए रोज़गार की संभावना इस मेनिफेस्टो में खोज सकते हैं। -
April 13, 2024, 12:50PM
रैली रिपोर्ट में आपका स्वागत है। तमाम सर्वे बीजेपी की जीत का एलान कर रहे हैं, यह भी बता रहे हैं कि बीजेपी का वोट बैंक अपनी जगह स्थिर है, किसी भी बड़े बदलाव के लिए ज़रूरी है कि बीजेपी के चालीस फीसदी के वोट में दरार आए और विपक्ष का वोट संगठित हो, एक जगह जमा हो। ज़मीन पर विपक्ष के नेताओं के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। अपने सहयोगी दलों के आधार वोट बैंक को समेटना और बीजेपी से वोट हथियाना। दोनों ही काम आसान नहीं है। रैली रिपोर्ट में हम तेजस्वी यादव की रैली पर बात करेंगे लेकिन यह भी देखेंगे कि तेजस्वी अपनी पार्टी के कोर वोट को कैसे बीजेपी के पाले से खींचते हैं, यानी यादव वोट जो बीजेपी के साथ गया है, उसे लौटा लाते हैं और बीजेपी और नीतीश के साथ बनी हुई अति पिछड़ी जातियों में अपनी दावेदारी पेश करते हैं। -
April 13, 2024, 09:11AM
अग्निवीर के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पलट गए हैं। 28 मार्च को उन्होंने ज़रूरत पड़ने पर समीक्षा करने का बयान दिया था, जिसे लेकर अखबारों में हेडलाइन छप गई कि कोई बड़ा फैसला होने वाला है। लेकिन एक हफ़्ते बाद राजनाथ सिंह जयपुर में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अग्निवीर के फ़ायदे गिनाने लग गए। एक तरफ़ राहुल गांधी अपनी हर रैली में अग्निवीर को लेकर आक्रामक हैं, कांग्रेस ने सरकार में आने पर इस योजना को वापस लेने का वादा कर दिया है, और दूसरी तरफ़ राजनाथ सिंह इसके फ़ायदे बताने लग गए हैं। -
April 12, 2024, 04:08PM
जल्दी से मोदी जी को काम का मुद्दा दीजिए वर्ना पूरा चुनाव मुस्लिम लीग और मछली पर निकाल देंगे। क्या ये चुनाव भी इसी तरह की हवाबाज़ी में निकल जाएगा? कब तक आस्थाएं आहत होती रहेंगी, सब्ज़ी महंगी हो गई, मछली महंगी हो गई, इससे आस्था आहत नहीं होती है। एक ही तरीका है, जो फार्मूला है उसी को आज़माया जाए। 2024 के चुनाव को आस्था के सवाल पर लाया जाए, धर्म के सवाल पर लाया जाए। हम अपने कई वीडियो में कह चुके हैं, प्रधानमंत्री मोदी मुसलमान, मुस्लिम लीग, मांस मछली, त्योहार, रामनवमी, राम के बिना एक भाषण पूरा नहीं कर सकते हैं। क्योंकि तब उन्हें अपने भाषण में जोश भरने के लिए बताना होगा कि हमने इस ज़िले के इतने युवाओं को नौकरी दी, इस ज़िले के इतने युवाओ को जीवन बदल दिया। और इस पर वो बात करेंगे नहीं। -
April 12, 2024, 12:15PM
क्या दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग सकता है? क्या दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी सिंह का यह दावा आधारहीन है? आतिशी ने पहले भी कहा था कि दिल्ली सरकार को गिराने की साज़िश हो रही है, कुछ दिनों के बाद राजकुमार आनंद ने मंत्री पद के साथ-साथ विधायकी से भी इस्तीफा दे दिया। तो क्या इस बार भी आतिशी का अंदेशा सही होने वाला है? इस वीडियो में हम यह भी बात करेंगे कि मोदी सरकार के दस साल में सरकार गिराने और पार्टी तोड़ने के कौन कौन से तरीके आज़माए गए हैं और इस पर भी कि दिल्ली के मामले में केंद्र के दख़ल पर कोर्ट का क्या रुख़ रहा है। -
April 11, 2024, 12:09PM
इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा क्या है? रोज़गार, महंगाई और भ्रष्टाचार। लोकनीति-CSDS के सर्वे में यह निकल कर आया है कि जनता महंगाई और बेरोज़गारी से परेशान है। उसके लिए यही सबसे बड़ा मुद्दा है। लेकिन क्या प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी भाषणों में इन में से कोई भी मुद्दा प्रमुखता से जगह ले रहा है? नहीं। हमने उनके कई भाषणों का विश्लेषण किया है और पाया है कि वे रोज़गार के मुद्दे पर मज़बूती से कोई भी बात नहीं कह रहे हैं। आख़िर दस साल तक सरकार चलाने के बाद वे रोज़गार के मुद्दे पर क्यों छिपते नज़र आ रहे हैं? शायद इसीलिए क्योंकि वे जानते हैं कि राम, राम के अपमान, मुस्लिम लीग और भारत का डंका बजने की बात कर के वे इन सवालों के जवाब देने से बच सकते हैं, और बच भी रहे हैं। -
April 10, 2024, 02:58PM
आम आदमी पार्टी के दिल्ली के पटेलनगर से विधायक राजकुमार आनंद ने मंत्री पद के साथ-साथ विधायकी और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और उसके पास शासन करने की कोई नैतिक ताकत नहीं बची। पाँच महीने पहले राजकुमार आनंद के घर पर ईडी की रेड हुई थी। उस समय बीजेपी ने इनका इस्तीफा माँगा था, आज सवाल किया जा रहा है कि क्या वे बीजेपी में शामिल होने वाले हैं।
जब कांग्रेस में बगावत हो रही थी तब केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस को वोट मत दीजिए, बीजेपी में चला जाता है, 2018 में रोहिणी में केजरीवाल ने कहा था कि बीजेपी और आर एस एस आम आदमी पार्टी को हराने के लिए कांग्रेस को भीतर से समर्थन दे रहे हैं। उस समय केजरीवाल भारत की राजनीति में तेज़ गति से गिरते चले आ रहे चट्टान के उस गोले को नहीं देख सके, जिसके नीचे कांग्रेस ही नहीं, कई और पार्टियां और अब उनकी पार्टी भी दबती नज़र आ रही है। -
April 10, 2024, 01:18PM
सुप्रीम कोर्ट में आज रामदेव को बहुत फटकार पड़ी है। बहुत ही ज़्यादा। कोर्ट की टिप्पणियां सुनकर तो रामदेव अनुलोम-विलोम ही भूल गए होंगे, सांस जहां होगी, वहीं अटकी रह गई होगी। आपसे भी गुज़ारिश है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का ठीक से पालन किया करें, वर्ना एक दिन रामदेव वाली हालत हो जाएगी। किसी जस्टिस की नज़र पड़ गई तो छुपने के लिए जगह नहीं मिलेगी। आज सुप्रीम कोर्ट में केवल रामदेव को फटकार नहीं पड़ी बल्कि उन्हें बचाने के प्रयास में उत्तराखंड सरकार और ड्रग इन्स्पेक्टर भी लपेटे में आ गए। - Visa fler