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  • सिने संन्यासी के इस एपिसोड में बात 1948 में आयी इटैलियन फिल्म - लाद्रि दी बिशिक्लेत की. दी बाइसिकल थीव्ज़. डायरेक्टर विट्टोरिओ दी सीका की कल्ट फ़िल्म. एक समय में दुनिया की सर्वकालिक महानतम फ़िल्म. लेकिन क्यों? ऐसा क्या था इस फ़िल्म में? जानिए इस फ़िल्म की कहानी गजेंद्र सिंह भाटी की ज़ुबानी. ऐसा क्या था इस फ़िल्म में जिसने दुनिया के फिल्मकारों को सम्मोहित कर डाला. उन्हें महानता का रास्ता तक दिखलाया. इस फिल्म के बारे में सत्यजीत रे, बिमल रॉय और राज कपूर ने क्या कहा था. और भी बहुत कुछ पॉडकास्ट के इस अंक में. सुने सिर्फ LT Premium पर.

  • सिनेसन्यासी के इस एपिसोड में सुनिए डायरेक्टर टॉम शेडयेक की 1998 में आयी फिल्म 'पैच एडम्स' के बारे में. जानिए क्यों इस फिल्म को आलोचकों द्वारा अपने समय की सबसे ख़राब फिल्म भी कहा गया. सुनिए गजेंद्र सिंह भाटी से इस फिल्म की बेहतरीन कहानी के बारे में और जानिए किए ये फिल्म आपको सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है. एपिसोड के अंत में गजेंद्र बात कर रहे हैं ययाति की कहानी और 2007 में आई रॉब रेनेर की फिल्म दी बकेट लिस्ट की.

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  • सिने संन्यासी के इस एपिसोड में बात एक ऐसी फ़िल्म के बारे में जो सर्वकालिक मानव सभ्यता के एक सबसे विकसित विचार को दर्शाती है. ये है, 1957 में रिलीज़ हुई हिंदी फीचर 'दो आंखें बारह हाथ' जिसे बनाया था डायरेक्टर वी शांताराम ने. इस फिल्म में सिनेमाई प्रयोग भी थे, सुंदर मैसेज भी था और मनोरंजन भी था. गजेंद्र सिंह भाटी से सुनें, क्यों 'दो आंखें बारह हाथ' उनकी सबसे पसंदीदा फ़िल्मों में से है. साथ ही, इस पॉडकास्ट के आरंभ में ज़िक्र अमेरिकी वेब सीरीज 'द एलियनिस्ट' का भी. और भी अनूठी फ़िल्मों का ज़िक्र.

  • सिने संन्यासी के इस एपिसोड में जानिए एक ऐसी फिल्म के बारे में जो विश्व सिनेमा की सबसे मजेदार फ़िल्मों में से है. इसे बनाया था दुनिया के सबसे कद्दावर डायरेक्टर्स में से एक अकीरा कुरोसावा ने. ये थी 1961 में प्रदर्शित हुई - योजिम्बो. एक जापानी सामुराई मूवी. गजेंद्र सिंह भाटी से जानें कि इस फ़िल्म को देखने से पहले उनका बॉलीवुड का नॉस्टेलजिया क्या था, जिसका योजिम्बो से किसी प्रकार का कनेक्शन बना. क्या है आज के समय में बन रही फिल्मों में निचले स्तर की मॉरैलिटी. क्या है योजिम्बो की ख़ास बातें और उसकी सबसे एंटरटेनिंग चीज़.

  • सिने सन्यासी के इस एपिसोड में सुनिए कुछ उन फिल्मों के बारे में जो समाधान देकर जाती हैं. तीन घंटे का एंटरटेनमेंट क्यों बेकार है गजेंद्र सिंह भाटी के लिए. जानिए कैसे एक कॉमेडी फिल्म के भीतर संदेवना छुपी है.सुनिए कहानी एक जॉइंट फैमिली की जो साथ रहकर खुश नहीं थी फिर एक और आदमी के बढ़ जाने से कैसे सारा माहौल बदल गया.

  • सिने संन्यासी के इस एपिसोड में बात हुई इंसानी रहन- सहन के ढंग और पाखंड को दिखाने वाली फिल्मों के बारे. जानिए कुछ फिल्मों के बारे में गजेंद्र सिंह भाटी से जो हिंसा को दिखाती हैं. सुनिए एक स्वेडिश फिल्म की कहानी. जानिए इस फिल्म के डायरेक्टर रुबेन ओस्ट्लैंड के बारे में. समझिए इस फिल्म के शीर्षक का अर्थ और जानिए एलीट समाज के अंतर्द्वंद के बारे में. मीडिया स्ट्रेटेजी, फेमिनिज्म और सेक्स को दर्शाने वाली यह फिल्म क्या बताने की कोशिश करती है.

  • सिने संन्यासी के इस एपिसोड में सुनिए एक फ्रेंच फिल्म की कहानी जो एक गधे पर बनी है. गजेंद्र सिंह भाटी ने सुनाए गधों से जुड़े दिलचस्प किस्से, एक बचपन की शरारत जिसने उन्हें चोटिल किया और सीख भी दी. समझिए कैसे जानवरों का वर्गीकरण हमारी सूझ-बूझ पर हावी रहता है. सुनिए फिल्म की कहानी जिसमें एक बेजुबान के साथ किया गया व्यवहार बहुत कुछ दर्शाता है. जानिए इसी फिल्म के भारतीय रूपांतरण के बारे में

  • सिने संन्यासी के इस एपिसोड में सुनिए एक चायनीज़ फिल्म और एक क्रांतिकारी डायरेक्टर की कहानी. जानिए चीन के इतिहास की सबसे महंगी और सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म के बारे में. सुनिए गजेंद्र सिंह भाटी ने किन फिल्मों को अफीम के नशे जैसा बता दिया. क्या हुआ ऐसा जो चीनी फिल्म इंडस्ट्री 11 साल के निचले पर पहुंच गई. सुनिए उस डायरेक्टर की कहानी जिसने चार फिल्में बनाने के बाद मात्र 29 साल की उम्र में अपनी जान दे दी. आखिर क्यों उठाना पड़ा उसे ये कदम? जानिए क्या है महान डायरेक्टर बेला टार की ज़िन्दगी का मलाल.

  • सिने संन्यासी के इस एपिसोड में सुनिए वो बचपन का दौर जब सिनेमा की पहुंच आसान नहीं थी और आज कैसे बच्चों को उनके देखने लायक सिनेमा से दूरी बढ़ाकर उन्हें वयस्कों के सिनेमा से जोड़ा जा रहा. जानिए ईरान के जाने माने फिल्ममेकर माजिद मजीदी की फिल्मों के बारे में. सुनिए ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई ईरान की पहली फिल्म की कहानी. जानिए ज़रूरत से कहीं ज्यादा होने और न्यूनतम से भी कम मिल पाने वाले भाव से जुड़ी फिल्म के बारे में.

  • सिने संन्यासी के इस एपिसोड में बात एक ऐसी जर्मन फिल्म जैसी फिल्म दूसरी नहीं बनी. इस फिल्म को डायरेक्ट किया है वर्नर हरजॉक ने. जर्मन भाषा की ये फिल्म 1970 में आई थी. पहली बार में इसे समझ लें यही बड़ी बात है. जानिए क्यों इस फिल्म को अपने देश में बैन कर दिया गया था. इसकी कहानी एक ऐसी जगह की है जहां कई सारे बौने रहते हैं. क्या होता है जब एक दिन उस जगह का इंचार्ज बाहर जाता है और वो सारे बौने उत्पात मचाते हैं? एक बौना ऐसा है जिसे कुर्सी पर बांध दिया जाता है और वो पूरी फ़िल्म में हंसता ही रहता है. एक गाड़ी है जो बिना ड्राइवर के ही गोल-गोल घूमती ही रहती है. इस फिल्म में जानवरों के साथ जो क्रूरता दिखाई गई उसके क्या मायने हैं. जानिए क्यों इस फिल्म के डायरेक्टर ने इसे हंसाने वाली फिल्म की बजाय एक बुरा सपना कहा?

  • सिने संन्यासी के इस एपिसोड में सुनिए फिल्म 'स्प्रिंग समर फॉल विंटर एंड स्प्रिंग' की कहानी. जानिए कैसे बॉलीवुड की कुछ फिल्में हमारे अवचेतन से जुड़ी हैं. सुनिए इस फिल्म से जुड़ी बातें जो हमारी ज़िन्दगी जीने के तरीके को बदले न बदले पर सोचने पर ज़रूर मजबूर करेगी. सुनिए कैसे एक साधू ने बच्चे को ऐसा सबक सिखाया, जिसने उसकी ज़िन्दगी बदल दी और क्या वो सीख है जिसे पूरी कायनात को सीखने की ज़रूरत है.

  • दुनिया के सिनेमा में एक कद्दावर नाम - अकीरा कुरोसावा. इन्होंने बनाई एक कद्दावर और कमाल फ़िल्म - सेवन सामुराई. सात यौद्धाओं की कहानी जो एक गांव को डाकुओं से बचाते हैं. एक्शन, कॉमेडी, डायलॉग्स से सराबोर ये फ़िल्म दुनिया की सबसे विरली फ़िल्मों में शुमार है. क्यों? जानिए सिने संन्यासी के इस एपिसोड में.

  • सिने संन्यासी के इस एपिसोड में बात फिल्म 'द टूरिन हॉर्स' की. 2011 में आई इस फिल्म को डायरेक्ट किया है बेला टार ने. वर्ल्ड सिनेमा का एक नायाब नमूना. दुनिया की ऐसी महान फिल्म जिसे देखने के लिए टेलेंट चाहिए. हर कोई इसे पूरा देख ले ये ही उसकी उपलब्धि है. क्योंकि मनोरंजन के पारपंरिक टूल्स का इस्तेमाल यहां नहीं है. यहां सिनेमा अपने एकदम रॉ और कठोर फॉर्म में है. आइए जानते इस फिल्म के बारे में, गजेंद्र सिंह भाटी के साथ.

  • सिने संन्यासी के इस एपिसोड में सुनिए कहानी एक कमाल स्वीडिश फिल्म की. ऐसी जो शायद देखने पर आपको पहली बार में समझ ही न आए. ये दुनिया की सबसे जबरदस्त मूवीज़ में से एक है. इसे रॉय एंडरसन ने डायरेक्ट किया है. ये 'लाइफ' और उसकी ट्रैजेडीज़ को ब्लैक ह्यूमर वाले अंदाज में प्रस्तुत करती है. ये वो फिल्म है जिसने भगवान को भी कचरे के ढेर पर फेंक दिया. इस फिल्म में एक ऐसा सीन भी है जो सिनेमा इतिहास के महानतम दृश्यों में से है.